तौफीक़ हयात
जयपुर। बाल दिवस के मौके पर राजस्थान शाखा कि ओर से बाल सत्र का आयोजन किया गया। बाल सत्र के लिए करीब 5500 बच्चों में से 200 बच्चों का चयन किया गया। जिसमें बालिकाओं को पचास प्रतिशत से ज्यादा जगह दी गई।
बाल सत्र में सरकार की भूमिका निभा रहे बाल प्रतिनिधि ने परीक्षाओं में घोटाले, भाई भतीजावाद, स्कूलों के बाहर खुले आम बिक रहे नशे, बाल विवाह, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे पर जवाब मांगे। इसमे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पोती कश्विनी गहलोत भी शामिल थी। कश्विनी गहलोत ने सदन में कहा कि स्कूल में व्यवहारिक पक्ष नही है और प्रकृति से परिचय कराने के लिए बच्चों को ट्यूर कराने का प्रावधान भी नही हैं।
शून्यकाल में साथ ही डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर बच्चों ने सरकार की गम्भीरता पर सवाल भी उठाए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी और मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री मौजूद रहे।