शिवम् कुमार
गाजियाबाद। लगातार मूसलाधार बारिश होने के कारण मध्य प्रदेश के कई जिले जल की आगोश में आ चुके हैं। अब तक 24 लोगों की मौत की खबर आ चुकी है। और 8800 से ज्यादा लोगों को एनडीआरएफ,एसडीआरएफ,वायु सेना तथा सेनाओं के द्वारा रेस्क्यू कर लिया गया है। अब तक150 से ज्यादा लोगों की फंसे होने की खबर बताई जा रही।
भारत के कई जिलों में लगातार बारिश होने के कारण स्थानीय लोगों का बुरा हाल हैं। परंतु मध्य प्रदेश के जिले इस बारिश से ज्यादा प्रभावित दिखाई दे रहे है। लगातार बारिश और भयंकर बाढ़ की वजह से मध्य प्रदेश के सभी जिलों में लोगों का बुरा हाल है। अब तक 24 लोगों की मौत की खबर आ चुकी है। इस परिस्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने सेनाओं से मदद की अपील की। अभी तक 8800 हजार से ज्यादा लोगों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ वायु सेना तथा सेनाओं के द्वारा सुरक्षित शिविर कैंप में भेजा जा चुका है।इस कुदरत के कहर से अब तक 25000 से ज्यादा आशियाने बाढ़ की आगोश में आ चुके हैं। बारिश के पानी की वजह से ना तो सड़क का कुछ पता है, ना ही रास्तों का। लोगों को हेलीकॉप्टर के द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा है।
ग्रामीण लोगों की शिकायत है कि उनको हर साल इस स्थिति से जूझना पड़ता है। अपना घर,अपने मवेशी,अपना गांव छोड़। उन्हें दूसरे गांव के स्कूलों में पनाह लेनी पड़ती है। हालत का जायजा लेने आए तहसीलदार और कुछ अफसरों पर लोगों का जमकर गुस्सा फूटा। लोगों ने तहसीलदार के गाड़ियों पर पत्थरों से हमला किया। बड़ी मुश्किल से वह वहां से बच बचाकर निकले। भारत के केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बाढ़ ग्रस्त लोगों का जायजा लेने पहुंचे तो उनको भी लोगों का लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। नरेंद्र सिंह तोमर और उनके पुलिस फोर्स के लाख कोशिश करने के बाद भी लोगों ने उन्हें बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जाने नहीं दिया। इनको भी उल्टे पैर वापस लौटना पड़ा। लोगों का गुस्सा है, कि कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन इन मामलों पर कभी नजर नहीं डालती। ऐसी ही खबर सुनने और पढ़ने के लिए बने रहिए
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