
राहुल शर्मा,जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के डिजीटल अभियान के तहत 20 लाख सदस्य ही बना पाई है। जबकि टारगेट 50 लाख का दिया गया था। टारगेट को पूरा करने के लिए 15 दिन की अवधि भी बढ़ाई गई थी। इसके बावजूद भी टारगेट पूरा नहीं हो सका। अंतिम 15 दिन में 13 लाख मेंबर बने। जबकि अवधि बढ़ाने से पहले मात्र 5 लाख ही मेंबर बन पाए थे।
सीएम गहलोत के विधानसभा क्षेत्र में प्रदर्शन रहा ठीक
सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ के विधानसभा क्षेत्र में प्रदर्शन ठीक रहा। जबकि पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह समेत कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक विधायकों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। अभियान के तहत कई विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन बेहद लचर रहा है। खास तौर से बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों और सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों के क्षेत्रों में पार्टी सदस्यता अभियान में ज्यादा पिछड़ी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा समेत कुछ विधायकों के क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन भी हुआ है।
चित्तौड़गढ़ में सर्वाधिक मेंबर बने
भले ही राजस्थान में कांग्रेस पार्टी 50 लाख मेंबर नहीं बना सकी हो, लेकिन सदस्यता अभियान की तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की गई तो कांग्रेस पार्टी ने अंतिम 15 दिनों में करीब 13 लाख मेंबर बनाकर अपनी लाज बचा ली है। पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि ऑफलाइन मेंबरशिप को भी अगर जोड़ लिया जाए तो यह संख्या करीब 25 लाख तक पहुंच जाएगी। सर्वाधिक सदस्यता करवाने वाली विधानसभा चित्तौड़गढ़ है, जहां विधायक भाजपा के हैं। यही हाल फलोदी विधानसभा का है, जहां से भी विधायक भाजपा के हैं, लेकिन सदस्यता कांग्रेस पार्टी की सबसे ज्यादा हुई है।