शिक्षकों के सम्मान में किया था कार्यक्रम, शिक्षकों ने ही खोल दी सरकार की भृष्टाचारी।

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तौफीक़ हयात

जयपुर। राजस्थान के शिक्षकों के सम्मान में राज्यस्तरीय शिक्षको का बिड़ला सभागार में कार्यक्रम रखा गया था। मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। गहलोत ने इसी बीच शिक्षकों से पूछा कि क्या उन्हें तबादले करवाने के लिए पैसे खिलाने पड़ते है तो सभी शिक्षकों ने हां में जवाब दिया। गहलोत यह सुनकर आश्चर्यजनक बोले कि ये बड़ी दुख की बात है कि शिक्षक पैसे देकर तबादले के लिए लालायित हैं।इस पर तबादले की पॉलिसी बनें।

गहलोत के भाषण ख़त्म होते ही राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने सफाई देते हुए कहा कि मेरे मंत्री पद पर रहते स्टाफ में किसी ने भी एक चाय भी पी हो तो बता देना।

वहीं सरकार के इस भृष्टाचार पर विपक्षी पार्टी भाजपा ने सवाल खड़े कर दिए। सदन के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि शिक्षकों ने सरकार का भ्र्ष्ट चेहरा सबके सामने रख दिया है।

जन घोषणा पत्र में जीरों करप्शन की बात करने वाले गहलोत सरकार के शासन में भ्र्ष्टाचार की गंगोत्री बह रही हैं जिसमे सभी गोते लगा रहे हैं।

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