
राहुल शर्मा,जयपुर। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। गहलोत के आरोपों के बाद शनिवार को शेखावत ने भी गहलोत पर जवाबी हमला बोला। शेखावत ने कहाकि जनप्रतिनिधियों की औकात और हैसियत जनता तय करती है, और कोई नहीं। केन्द्रीय मंत्री दो दिवसीय दौरे के दौरान जैसलमेर में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
यह कहा था गहलोत ने
शेखावत पर लगातार हमलावर हो रहे अशोक गहलोत ने हाल ही में कहा था कि केन्द्रीय मंत्री हमारे जोधपुर के हैं। फिर भी राजस्थान की ऐसी दुर्गति हो रही है, फिर काहे के केन्द्रीय मंत्री हैं। गहलोत ने कहाकि खुद प्रधानमंत्री दो बार इस परियोजना के बारे में बात कर चुके हैं। उन्होंने आगे कहाकि अगर प्रधानमंत्री ने बात नहीं भी की होती तो क्या राजस्थान की जनता उम्मीद नहीं कर सकती कि कम से कम हमारी एक परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना बने।
अब शेखावत का जवाबी हमला
गहलोत के आरोपों के बाद केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने भी गहलोत पर जवाबी हमला बोला है। पत्रकारों से बातचीत में शेखावत ने कहाकि गहलोत अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए ओछी बयानबाजी कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहाकि केंद्र सरकार ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है उसे वे पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं। साथ ही इस बात के लिए प्रयासरत हैं कि देश के साथ ही राज्य में भी कभी पानी का संकट न आए।
कांग्रेस राज में बने पानी बंटवारे के रूल
शेखावत ने कहाकि राज्य के बीच पानी के बंटवारे और अधिकारों के नियम नए नहीं हैं। उन्होंने कहाकि 70, 80, 90 और 2000 के दशक में कांग्रेस सरकारों के राज में यह नियम बनाए गए थे। मंत्री ने दावा किया कि केंद्र सरकार की ओर से राज्यों के मध्य जल विभाजन के साथ ही अन्य कई नियमों को लेकर समानता का व्यवहार किया जा रहा है, लेकिन राजस्थान सरकार उसमें खुद की विफलता के लिए केंद्र पर आरोप लगा रही है।