स्मृति विशेष: साहित्यकार और स्वतंत्रता सेनानी माखनलाल चतुर्वेदी का जन्मदिवस।

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तौफीक़ हयात
माखनलाल चतुर्वेदी जी भारत के महान राष्ट्र कवियों में से एक हैं। जो अपना सर्वस्व त्यागकर भारत देश का उत्थान करने के लिए आगे बड़े. राष्ट्रीय भावनाओं से परिपूर्ण होने के कारण इन्हें हिंदी साहित्य में भारतीय आत्मा के नाम से भी जाना जाता है। इन्होनें असहयोग आन्दोलन और भारत छोड़ो आन्दोलन जैसी कई गतिविधियों में भी भाग लिया था। ये त्याग और बलिदान पर विश्वास रखने वाले पहले एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपनी कविताओं में भी त्याग और बलिदान का उपदेश दिया है।
माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 ई. में मध्य – प्रदेश के होशंगावाद जिले में बावाई नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिताजी का नाम नंदलाल चतुर्वेदी और माता का नाम सुंदरीबाई था। इनके पिताजी अपने ग्राम सभा में स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक हुआ करते थे।
चतुर्वेदी जी की प्रारंभिक शिक्षा बावाई गाँव में हुई तथा प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, गुजराती अथवा अंग्रेजी आदि भाषाओं का ज्ञान घर पर ही प्राप्त किया था। माखनलाल जी जब 16 वर्ष के हुए तब ही स्कूल में अध्यापक बन गए थे। उन्होंने 1906 से 1910 तक एक विद्यालय में अध्यापन का कार्य किया।
कुछ दिनों तक अध्यापन करने के बाद चतुर्वेदी जी राष्ट्रीय पत्रिकाओं में सम्पादक का काम देखने लगे थे। इन्होंने 1913 ई. में प्रभा और कर्मवीर नामक राष्ट्रीय मासिक पत्रिका का संपादन करना शुरु किया था। कानपुर से श्री गणेश शंकर विद्यार्थी की प्रेरणा से ये राष्ट्रीय आंदोलनों में भाग लेने लगे थे। इसी बीच इनको कई बार जेल यात्रा भी करनी पड़ी।
माखनलाल चतुर्वेदी का साहित्यिक परिचय
चतुर्वेदी जी एक भारतीय आत्मा नाम से अपनी कवितायेँ लिखा करते थ।. इनकी काव्य रचनाएं राष्ट्रीय भावनाओं पर आधारित हैं। जिनमें त्याग, बलिदान, कर्तव्य की भावना, समर्पण के भाव आदि विद्यमान हैं। इनकी कवितायेँ उन देश प्रेमियों को प्रभावित करती हैं जो आज भी अपने भारत देश से बहुत प्रेम करते हैं तथा इनकी रचनाएं देश वासियों को जागरूक करने के लिए बहुत सहायक सिद्ध हुईं।
साल 1955 में माखनलाल चतुर्वेदी की स्मृति में भोपाल मध्य प्रदेश में उनके नाम पर भारत का प्रतिष्ठित पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। इस विश्वविद्यालय में छात्रों को पत्रकारिता और जनसंचार क्षेत्र की जानकारी के साथ साहित्यिक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा सिद्ध करने वाले काम महत्वपूर्ण तरीके से सीखे जाते हैं।

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