Arun Jaitley को पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भावुक होते हुए किया याद , बोले – इस दिन, पिछले साल, हमने अरुण जेटली जी को खो दिया था।
नंदनी चौहान

आगरा उत्तर प्रदेश| पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता Arun Jaitley की आज पुण्यतिथि है। ठीक एक साल पहले दुनिया को अलविदा कह चुके जेटली को आज भाजपा नेताओं ने नमन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्व वित्त मंत्री की याद में एक भावुक ट्वीट किया।
भारत देश आज पूर्व वित्तमंत्री Arun Jaitely की दूसरी पुण्यतिथि मना रहा है | अरुण जेटली अपने अंतिम समय में स्वास्थ्य से जूझ रहे थे जब देश राजनैतिक मंचों पर उनकी आवाज सुनने का इंतजार ही करता रह गया | भारतीय राजनीति (Indian Politics) में बहुत ही कम ओजस्वी वक्ता और प्रशासक रहे हैं और उनमें अरुण जेटली का नाम प्रमुख है | पेशे से वकील लेकिन राजनीति में हमेशा अपने तार्किक और मजबूत दलीलों से देश के लिए अपना पक्ष रखने वाले जेटली आपातकाल से ही अपने नेतृत्व कौशल के लिए पहचाने जाते रहे हैं | चाहे उनकी पार्टी सत्ता में हो या विपक्ष में वे हमेशा ही एक मजबूत आवाज के तौर पर जाने गए | यही वजह थी कि जब दो साल पहले उनका देहांत हुआ तो उन्हें भाजपा और देश के लिए एक बड़ी क्षति माना गया |

अरुण जेटली का जन्म 28 दिसम्बर 1952 को नई दिल्ली में हुआ था | उनका जन्म किशन जेटली और रतन प्रभा के घर में हुआ | जेटली के पिता पेशे से वकील थे | जहां तक अरुण जेटली की शिक्षा की बात है तो उन्होंने प्राथमिक शिक्षा दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से प्राप्त की | इसके बाद 1973 में उन्होंने Delhi university के Shri Ram College of commerce से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री हासिल की | साल 1977 में आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए उन्होंने पिता की तरह ही कानून की डिग्री हासिल की | Arun Jaitley भारतीय सियासत का वह नाम रहे हैं जो किसी परिचय का मोहताज नहीं रहे | वह वाजपेयी से लेकर मोदी तक के भरोसेमंद साथी रहे |दोनों के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलीं | उनके कद और पार्टी में उनकी विश्वसनियता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जेटली 2014 में अमृतसर से लोकसभा चुनाव हार गए थे, इसके बावजूद उनकी योग्यता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया |

वित्त मंत्री के तौर पर अरुण जेटली का कार्यकाल काफी उतार-चढाव भरा रहा | इनके वित्त मंत्री रहते मोदी सरकार ने GST और नोटबंदी जैसे बड़े फैसले लिए | इन फैसलों के कारण कई लोगों की आलोचनाओं का भी उन्हें सामना करना पड़ा | हालांकि अरुण जेटली को सभी एक तेज तर्रार नेता के तौर पर जानते हैं |
साल 2019 में जब मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आई तो लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें फिर कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है | लेकिन इससे पहले जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर दरख्वास्त की कि उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त समय की जरूरत है | इसलिए उन्हें इस दफा मंत्रीपद के भार से मुक्त रखा जाए |
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