
भारतीय खेल जगत की सबसे सम्मानित और दुनिया भर में पहचान बनाने वालों में से एक, मशहूर धावक मिल्खा सिंह ने शुक्रवार देर रात 91 वर्ष की उम्र में जिंदगी की रेस को अलविदा कह दिया। आजादी के तुरंत बाद वैश्विक खेल मंच पर अगर किसी एक खिलाड़ी ने भारत का सिर सम्मान से ऊंचा किया तो वो थे मिल्खा सिंह। मिल्खा सिंह ने अपनी जिंदगी में कई यादगार रेस पूरी की और इन रेस को पूरा करते हुए फ्लाइंग सिख की पहचान बनाई।
फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर महान ऐथलीट मिल्खा सिंह देश और दुनिया के खेल जगत में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। बच्चा, युवा या फिर बुजुर्ग हर कोई उनके नाम से वाकिफ था।
मिल्खा सिंह के जीवन पर एक फिल्म बनाई गई थी। इस फिल्म का नाम ‘भाग मिल्खा भाग’ रखा गया था। जुलाई 2013 में रिलीज हुई राकेश ओमप्रकाश मेहरा की इस फिल्म में मिल्खा सिंह का किरदार फरहान अख्तर ने बखुबी निभाया था। आजाद भारत का पहला कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल जीतने वाले मिल्खा सिंह ने इस फिल्म के लिए मेहरा से मात्र एक रुपया लिया था। इस नोट की खासियत यह थी कि यह 1958 में छपा था। यह वही साल था जब मिल्खा सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था।
राकेश ओमप्रकाश मेहरा पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ राजीव टंडन ने तब बताया था कि, ‘हम मिल्खाजी को फिल्म के जरिए उनकी कहानी बताने का मौका देने के लिए बेशकीमती तोहफा देना चाहते थे। हम काफी समय से कुछ खास देने के बारे में विचार कर रहे थे। इसके बाद हमने 1958 में छपा एक रुपये का नोट उन्हें भेंट किया।’
इस नोट की खासियत यह थी कि यह आजाद भारत का पहला निजी कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल था। मिल्खा ने एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीते थे।
