तौफीक़ हयात
जयपुर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 39.45 लाख करोड़ रुपये के खर्च का केंद्रीय बजट पेश किया। इसमें कई नई योजनाओं का प्रस्ताव रखते हुए कर राजस्व में बढ़ोतरी की गई लेकिन व्यक्तिगत और नॉकरिपेशा लोगों को आयकर में कोई राहत नही दी। बजट भाषण के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त मंत्री को बजट पेश करने के लिए बधाई दी।
बजट पेश होने के बाद विपक्ष ने बजट को ख़ास योग्य नहीं माना।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट को पूंजीपतियों का बजट करार दिया। उन्होंने कहा वित्त वर्ष 2022 का आम बजट अर्थव्यवस्था के सामने चुनोतियों से निपटने के लिए विफल है। चिदम्बरम ने बजट में दिए गए आकंड़ों और अर्थव्यवस्था की स्थिति बेरोजगारी तथा कृषि की स्थिति से जुड़े आंकड़े रखते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने हर मुख्य योजना से जुड़ी सब्सिडी में कटौती की है।
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बजट महंगाई बढ़ाने वाला तथा उद्योगपति की जेब भरने वाला है। बजट में राजस्थान के लिए कोई खास योजना शामिल नही की गई। जिस प्रदेश से 25 सांसद है उसके नागरिकों को निराश किया गया है।
केंद्र सरकार ने राजस्थान के लिए सीधे तौर पर कोई भी घोषणा नहीं की लेकिन बजट प्रदेश के लिए थोड़ा सन्तोषजनक रहा।
बजट में राज्यों की मदद के लिए ब्याज मुक्त कर्ज के तहत एक लाख करोड़ रुपए का आवंटन हुआ है जिसमें राजस्थान को भी एक हिस्सा मिलेगा। इसका सरकार को कोई ब्याज नही चुकाना पड़ेगा।
राजस्थान में पर्यटन का बड़ा महत्व है। ऐसे में हॉस्पिटलिटी अतिरिक्त वित्तिय सहायता का प्रावधान राजस्थान के लिहाज से महवपूर्ण है। बजट में इसीजीसीएल स्कीम के अंतर्गत पचास हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे कोरोना के बीच स्थिर होने तथा री स्टार्ट करने का मौका मिलेगा और नॉकरी में इज़ाफ़ा होगा।