वसूली गई पूरी राशि होगी वापस , वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया संशोधन विधेयक |
नंदनी चौहान
आगरा उत्तर प्रदेश| केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वोडाफोन और केयर्न एनर्जी के साथ केंद्र सरकार का विवाद खड़ा करने वाले रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स एक्ट को हटाने का फैसला लिया है | सरकार ने लोकसभा में संशोधन विधेयक पेश कर दिया है |
दोनों कंपनियों ने वित्त अधिनियम 2012 के इसी विवादित कानून के सहारे भारत के खिलाफ मुकदमा दायर किया था | कैबिनेट ने इसे रद्द करने के लिए आयकर कानून में बदलाव को मंजूरी दे दी है | साथ ही सरकार ने संसद में इससे जुड़ा संशोधन विधेयक भी पेश कर दिया है |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विवादित कानून को खत्म करने के लिए बृहस्पतिवार को लोकसभा में कर कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया | मंत्रालय ने साथ ही ये प्रस्ताव भी रखा कि अगर लेनदेन 28 मई 2012 से पहले हुआ है | तो किसी तरह की रेट्रो टैक्स डिमांड नहीं की जा सकती है | विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के इस कदम से भारत कम टैक्स रेट्स पर निवेश का शानदार विकल्प बनकर उभरेगा | सरकार ने कहा कि फाइनेंशियल और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में पिछले कुछ साल में कई बड़े सुधार किए गए हैं | इससे देश में निवेश का अच्छा माहौल बना है |
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा , इस कर से वसूली राशि बिना ब्याज के वापस की जाएगी | विधेयक का सीधा असर ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन समूह और केयर्न एनर्जी के साथ अरसे से चल रहे कर विवादों पर पड़ेगा | कानून में बदलाव के बाद सरकार कंपनियों को करीब 8 ,100 करोड रुपए वापस करेगी | इस फैसले को कंपनियों में डर को खत्म करने और निवेशकों में हौसला बढ़ाने की कोशिश माना जा रहा है |
इस पर जेबी महापात्रा (अध्यक्ष ,सीबीडीटी )ने कहा – पूर्वव्यापी कराधान को खत्म करने से भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा ,कर मामलों में न्याय की समानता का भी रास्ता खुलेगा |