कोरोना काल में संक्रमण के डर से online payment में हुई बढ़ोतरी, करेंसी नोटों से लोगों ने बढ़ाई दूर
vinit kumar
चित्रकूट उत्तर प्रदेश। कोरोना संक्रमण के डर से लोग बीते वर्ष से लगातार डिजिटल लेनदेन करते आ रहे हैं। जिसके चलते नगदी पर लोगों की निर्भरता कम होती जा रही है। RBI की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 13 अगस्त के मुकाबले करेंसी नोटों की प्रसार दर 24.4 फ़ीसदी से घटकर 10 फीसदी रह गई है।

आर्थिक विशेषज्ञों द्वारा जारी RBI की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर के हालातों के बाद बैंकिंग प्रणाली में जमा रकम में बढ़ोतरी हुई है। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान बैंकों में रकम जमा होने की दर शून्य से भी नीचे जा चुकी थी और वित्तीय तंत्र में करंसी का प्रसार बढ़ गया था। परंतु अब जमा रकम का बढ़ना आर्थिक अनिश्चितता कम होने का संकेत है और आर्थिक अनिश्चितता लोगों के बढ़ते मनोबल को दिखाता है।
डिजिटल माध्यम से भुगतान की ओर लोगों का बढ़ता रुझान बैंकों से नगदी लेनदेन की कमी में देखा जा रहा है । बाजार से मौजूद करेंसी भी अब औपचारिक माध्यमों से आ रही है। लोग अब नकदी लेनदेन में रुचि नहीं ले रहे हैं। Online payment आसान होने के कारण लोग इसी तरहीज दे रहे हैं। नगदी पर लोगों की निर्भरता भी धीरे-धीरे कम होती जा रही है। उपभोक्ता और ज्यादातर लोगों का डिजिटल माध्यम से भुगतान के कारण online payment की लोकप्रियता जन जन तक पहुंच रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि online payment को नोटबंदी के मुकाबले कोरोना से ज्यादा बढ़ावा मिला है। कोविड के कारण online payment की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। जहां सामान्य स्थिति में online payment को आगे और लोगों की दिनचर्या में शामिल होने में 5 से 10 वर्षों का समय लग सकता था, कोरोना महामारी ने इसे 1 वर्ष में ही शिखर पर ला दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी लोकप्रियता लोगों की जिंदगी आसान बनाने के साथ-साथ online धोखाधड़ी, स्पैमिंग, के खतरे का भी आह्वान है।