संध्या देवी
चित्रकूट। आज 15 अगस्त 2021 को भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं। इस कड़ी में आज 15 अगस्त के दिन हम अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं ।इस शुभ अवसर पर सभी देशवासियों में खुशी की लहर दौड़ रही है। कुछ तो कार्यक्रम स्थल पर मौजूद होकर कार्यक्रम का लुफ्त उठा रहे हैं तो कुछ घरों में टीवी में कार्यक्रम देखकर हर्षित हो रहे हैं तो वहीं कुछ देशभक्ति की फिल्में देखकर देश के स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहे हैं। वैसे स्वतंत्र दिवस के मौके पर टीवी पर आप सब ने भी एक से बढ़कर एक देशभक्ति से सराबोर फिल्मो को देखा होगा। इन देशभक्ति फिल्मों को देखकर हर भारतीय गौरवान्वित महसूस कर देश के लिए जान देने वालों पर फक्र करता है।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश भक्ति से सराबोर मिशन कश्मीर, द गाजी अटैक, मुल्क ,नाम शबाना स्वदेश, रंग दे बसंती, बेबी, लक्ष्य, फैंटम, बॉर्डर, एलओसी(LOC कारगिल), नेताजी सुभाष चंद्र बोस- द फॉरगॉटेन हीरो, टैंगो चार्ली, मंगल पांडे, द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, केसरी, राजी, पूरब और पश्चिम, चिट्ठा गोम, शहीद, उपकार, उरी द सर्जिकल स्ट्राइक और वेब सीरीज द फॉरगॉटेन आर्मी जैसी कई फिल्में आप को आजादी का महत्व व उनका संघर्ष समझा देंगी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह तो सिर्फ फिल्में हैं असल जिंदगी में देश के जवानों ने कैसे देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी है, कितना संघर्ष किया होगा, खून की नदियां बहायी होंगी। आज हम आपको ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हमारे देश के रियल हीरो, देश के उन महान स्वतंत्रता सेनानी पर बनी हैं जिनका देश की स्वतंत्रता में अहम भूमिका रही, जिन्होंने अपनी जान कुर्बान कर आज हम सबके लिए आजाद भारत का सुख दे गए। जिस आजाद भारत का सपना उन्होंने देखा था वह दिन वह खुद तो नहीं देख पाए पर उनका संघर्ष व योगदान आज हम सबके सामने आजाद भारत के रूप में हैं।
1- झांसी की रानी–

हमारे देश में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को शायद कोई कभी नहीं भुला सकता। हम क्या ब्रिटिश भी उनकी वीरता के कायल थे। सन 1953 में बनी 2 घंटे 28 मिनट की फिल्म “झांसी की रानी* का निर्देशन सोहराब मोदी जी ने किया था। जिसमें राजगुरु मनु (लक्ष्मीबाई) को वास्तविक संग्राम और राजनीतिक नेतृत्व का प्रशिक्षण देते हैं। बाद में वह झांसी की रानी बन जाती है और ब्रिटिश शासन के अत्याचार के खिलाफ लड़ती हैं। सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष और कुर्बानों से रूबरू करवाती इस फिल्म को दर्शकों ने बहुत प्यार दिया। दशकों बाद कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका ने लक्ष्मी बाई के किरदार को एक बार फिर लोगों के दिल में बसा दिया। आजादी के इस शुभ अवसर पर परिवार के साथ यह फिल्म देखकर आप भी उस देशभक्ति को महसूस करिए।
2- *शहीद

(1965)
– सन् 1965 में आई फिल्म “शहीद-ए-आजम” शहीद भगत सिंह के साहस व बलिदान से रूबरू करवाती है। भगत सिंह का देश की आजादी में अहम योगदान रहा। पूरा देश उनके साहस व वीरता का कायल है। फिल्म की मुख्य भूमिका में मनोज कुमार थे। फिल्म को नेशनल अवार्ड से भी नवाजा गया।
3- गांधी (1982)

– इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि गांधीजी के जीवन पर आधारित इस फिल्म को विदेशियों ने बनाया है। दरअसल गांधी जी के जीवन से एक विदेशी बहुत प्रभावित हुए थे और उन्होंने इस पर फिल्म बनाने का निर्णय कर लिया। मुख्य किरदार, लेखन यहां तक कि निर्देशन भी विदेशियों ने ही किया। भारतीय सरकार व लोगों ने उनकी इस फिल्म में अहम योगदान दिया। इस फिल्म को दुनिया भर में पसंद किया गया तभी तो इस फिल्म को ऑस्कर में 11 श्रेणियों में नामांकित किया गया जिसमें से श्रेष्ठ फिल्म, निर्देशन, अभिनय समेत आठ श्रेणियों में ऑस्कर अवार्ड जीती है। फिल्म राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी अपने नाम कर चुकी है।
4- सरदार (1993)
– अखंड भारत के निर्माण में अहम योगदान निभाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल पर बनी इस फिल्म में परेश रावल ने मुख्य किरदार निभाया। इस फिल्म की महत्वपूर्ण कड़ी आजादी के बाद भारत सरदार जी ने देश को एक कैसे बनाया उस पर है। फिल्म में कई रोचक हिस्से हैं।
5- नेताजी सुभाष चंद्र बोस- द फॉरगॉटन हीरो

– नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित इस फिल्म को श्याम बेनेगल ने निर्देशित किया था। सन 2004 में बनी इस फिल्म ने नेताजी के किरदार से अवगत कराते हुए सबका दिल जीत लिया।
6- मंगल पांडे -द राइजिंग (2005)

– मंगल पांडे पर बनी यह फिल्म सन 1857 में अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई को दिखाती है। इस फिल्म में आमिर खान ने मुख्य किरदार निभाया है। 1857 की क्रांति से जुड़ी जानकारी के लिए ये फिल्म आप देख सकते हैं।
जैसे हम भारतवासी भारतीय सिनेमा की देशभक्ति फिल्मों को देखकर हर्षित होते हैं वैसे ही यह फिल्म देश व विदेशों में भी खूब पसंद की जाती हैं। जहां हम आज 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस मना रहे हैं बीते रोज 14 अगस्त को पाकिस्तान भी अपना स्वतंत्र दिवस मना चुका है। वैसे तो ये दोनों देश एक ही थे पर आजादी के फौरन बाद दोनों देश बंटवारे के कारण अलग अलग हो गए। आज दोनों देशों को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं पर दोनों के बीच दुश्मनी आज भी वैसी ही है। इसी कारण पाकिस्तान में भारत की अधिकतर देशभक्ति फिल्में ban कर दी जाती हैं। जिनमें से फिलहाल में मुल्क, राजी ,फैंटम, नाम शबाना और बेबी जैसी कई फिल्में पाकिस्तान में बैन है। इन सब को बैन करने का मुख्य कारण इनमें आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना का सशस्त्र जवाब है। आज इस शुभ अवसर पर आप भी अपने परिवार के साथ इन फिल्मों को देखें तथा आजाद भारत के संघर्ष से रूबरू हों।
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