प्रिति शर्मा
दिल्ली. किसान आंदोलन के करण करनाल जिले में भारी भीड़ वाली सभाओं पर रोक लगा दी गई है. इंटरनेट व एसएमएस सेवा पर भी रोक लगी है .
28 अगस्त को पुलिस और किसानों के बीच हुई हिसंक झड़प को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. जहाँ किसानों को रैली के लिए इकट्ठा किया गया था पर देखते देखते माहौल बिगड़ गया और बात लाठीचार्ज तक जा पहुँची.
हालांकि सरकार ने किसानों के प्रतिनिधित्व कर रहे कुल 11 नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया है. जिनमें रकेश टकैत और योगेंद्र यादव शामिल हैं. दरअसल किसान नेता एक महापंचायत का आयोजन करने की कोशिश कर रहे हैं जो करनाल मंडी के पास आयोजित की जाएगी. किसानों कि योजना है कि महापंचायत के बाद वे मिलकर जिला मुख्यालय का घेराव करेंगे.

वही सरकार इस रैली को रोकने के लिए भरसक प्रयास कर रही हैं.भारी पुलिसबल को तैनात किया गया है जिनमें से 10 केंद्रीय सुरक्षा बल को भी बुलाया गया है .
करनाल के इलाकों में इंटरनेट व एसएमएस सेवा बंद कर दी गई है, एनएच-44 के रास्ते को भी बदं किया गया है और कैमरे से हर वक्त निगरानी की बात कही गई है.
कल हरियाणा के गृहमंत्री अनिल वज्ज ने किसानों से शांति पर्वक प्रदर्शन करने को कहा है साथ ही कहा है कि सरकार ने अपनी तरफ से सभी व्यवस्था कर दी है.
किसानों के नेता गुरनाम सिंह चादुनि ने किसानों से शांति पूर्ण रैली करने का अग्रह किया है, उनहोने कहा “किसान शांतिपूर्ण रैली व महासभा करेगे और वही पर अपने अगले कदम पर विचार भी करगे “.

वही संयोकत किसान मोर्चा दल की मांग हैं कि उन कर्मचारियों पर करवाही हो जिनहोने किसानों के खिलाफ 28 अगस्त को लाठीचार्ज किया. वायरल हुई घटना की विडियोज में कई जगह पुलिस किसानों को बुरी तरह मारते हुए दिख रही हैं वही किसान भी रोड का घेराव करते दिख रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर सरकार से सवाल किए हैं वही BJP नेता वरूण गांधी भी इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

अब देखने की बात ये है कि अखिर किसान नेताओं की इस महासभा का क्या निष्कर्ष होगा .
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