हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस मामले में 6 सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था, पर सरकार आदेश पर नहीं कर पाई अमल
संध्या देवी
चित्रकूट। कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली सरकार ने गरीब किराएदार को किराए का भुगतान देने संबंधी एक घोषणा का ऐलान किया था। परंतु इसका भुगतान न करने पर दिल्ली सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में अदालत की अवमानना याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि अदालत ने दिल्ली सरकार को किराए संबंधी घोषणा को लागू करने का निर्देश दिया था, लेकिन दिल्ली सरकार इस पर असफल रही। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था- यदि कोई गरीब किराएदार कोविड-19 महामारी के दौरान किराया देने में असमर्थ है तो सरकार इसका भुगतान करेगी। परंतु आदेश पर अमल न करने के बाद अदालत ने दिल्ली सरकार को इस आदेश को फिर से लागू करने के लिए 2 सप्ताह का समय प्रदान किया है।

दरअसल हाईकोर्ट ने सरकार को इस मामले में निर्णय के लिए 6 हफ्ते का वक्त दिया था। परंतु सरकार के विफल रहने के पश्चात इस संबंध में दिल्ली सरकार पर जानबूझकर अदालत की अवमानना का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की गई है ।याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही है। 22 जून को अदालत ने फैसला सुनाया था कि मुख्यमंत्री के इस वादे पर अमल किया जाना चाहिए। जिसके लिए AAP सरकार को 6 हफ्ते के भीतर फैसला करने को कहा गया था।
अधिवक्ता गौरव जैन के माध्यम से दायर अवमानना याचिका में कहा गया है कि 6 सप्ताह की समय सीमा 2 सितंबर 2021 को समाप्त हो गई है। परंतु दिल्ली सरकार ने अब तक उपरोक्त निर्देशों का पालन नहीं किया है।
याचिकाकर्ता नगमा , करण सिंह , रेहाना बीवी ने इस संबंध में 29 और 30 अगस्त को सरकार को ज्ञापन देकर इसके संबंध में जानकारी भी मांगी थी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के समक्ष पेश दिल्ली सरकार के वकील गौतम नारायण ने इस संबंध में किसी भी निष्कर्ष में पहुंचने के लिए 2 हफ्ते का समय मांगा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को तय की है।
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