बेलारूस की वनेसा से हारने के बाद रेपरेज नियम के तहत वनेसा की ही परफॉर्मेंस पर टिका है फोगाट का ब्राॅन्ज का सपना
संध्या देवी
चित्रकूट। टोक्यो ओलंपिक में गुरुवार को चल रहे रेसलिंग क्वार्टर फाइनल में 53 किलो भार वर्ग में विनेश फोगाट को बेलारुस की वनेसा से मिली शिकस्त। वनेसा ने फोगाट को 3-2 से हराया है। फोगाट के पास मेडल जीतने का अभी भी एक मौका है परंतु इसके लिए उन्हें वनेसा के फाइनल में पहुंचने की दुआ करनी होगी। तभी विनेश के लिए कांस्य पदक का रास्ता खुलेगा।
विनेश फोगाट ने आज अपने पहले मुकाबले में स्वीडन की रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान सोफिया मैटसन को 7-1 से शिकस्त दी थी। इसके साथ ही वह 53 किलो भार वर्ग के मुकाबले में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर गई। परंतु क्वार्टर फाइनल में वनेसा के हाथों मिली शिकस्त से भारत को बहुत बड़ा झटका लगा है। परंतु रेपरेज नियम के तहत वनेसा के फाइनल में पहुंचने से विनेश का कांस्य मुकाबले के लिए रास्ता खुल जाएगा। रेपरेज नियम के तहत इंटरनेशनल रेसलिंग (कुश्ती) में रेपरेज राउंड किसी भी खिलाड़ी के लिए हार को भुलाकर वापसी करने का मौका होता है। जो भी पहलवान अपने शुरुआती मुकाबले में हार जाते हैं तो भी उनके पास मेडल जीतने का मौका होता है। परंतु यह तभी मुमकिन है जब वह खिलाड़ी फाइनल में पहुंच जाएं जिसने उसे हराया था। ऐसा होने पर कांस्य पदक जीतने के लिए शुरुआती राउंड में हारे खिलाड़ियों को मौका मिलता है।
2016 के रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली 26 वर्षीय विनेश फोगाट की चचेरी बहनें गीता, बबीता और रितु फोगाट भी इस खेल में अपना परचम लहरा चुकी हैं। 2014 राष्ट्रमंडल खेलों के 48 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल तथा 2018 के कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के 50 किलो भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश फोगाट पहली भारतीय महिला रेसलर हैं।
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