सुप्रीम कोर्ट ने कुश कालरा द्वारा दायर एक रिट याचिका में अंतरिम आदेश जारी करते हुए Girls Candidate को भी NDA(राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी) के एग्जाम में बैठने की अनुमति देने का दिया आदेश
संध्या देवी
चित्रकूट उत्तर प्रदेश। सुप्रीम कोर्ट में महिला उम्मीदवार को NDA (National Defence Academy) की परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग पर कुश कालरा द्वारा दायर रिट याचिका पर आज बुधवार 18 अगस्त को कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए महिला अभ्यर्थियों को एनडीए की परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने सेना के इस पॉलिसी को “लैंगिक समानता” के खिलाफ बताते हुए सेना को NDA में महिलाओं को शामिल करने का ढांचा तैयार करने को कहा है।
बता दें कि कुश कालरा की दायर इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सेना ने अपने पक्ष में NDA में महिलाओं को ना शामिल करने के अपने इस पॉलिसी को एक नीतिगत निर्णय कहा । जिस पर कोर्ट ने बुधवार को सेना को फटकार लगाई ।सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस न्यायधीश संजय किशन कौल और हृषिकेश राय की खंडपीठ ने सेना के इस नीतिगत निर्णय को “लैंगिक भेदभाव” पर आधारित बताया है। सेना का यह निर्णय “लैंगिक समानता” के अधिकार का उन्मूलन करता है। जिसके बाद कोर्ट ने अपना अंतरिम आदेश जारी करते हुए 5 सितंबर को होने वाली NDA की परीक्षा में महिलाओं को शामिल होने की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं तथा कहा है कि दाखिले कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन होंगे।
याचिका में कहा गया है कि 10+2 स्तर की शिक्षा रखने वाले पुरुष अभ्यर्थियों को परीक्षा देने तथा अर्हता प्राप्त करने के बाद उनको भारतीय सशस्त्र बलों में स्थाई कमीशन अधिकारी के रूप में नियुक्त होने के लिए NDA में शामिल होने का अवसर मिलता है जबकि 10+2 स्तर की शिक्षा रखने वाली पात्र महिला अभ्यर्थियों को उनके लिंग के आधार पर उन्हें NDA की परीक्षा देने के अधिकार से वंचित किया गया है। जो कि भारतीय संविधान के Article 14 ,15 ,16 और 19 का उल्लंघन है। जो “रोजगार में अवसर की समानता” तथा “लिंग के आधार पर भेदभाव से सुरक्षा” के मौलिक अधिकारों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट ने सेना को फटकार लगाते हुए कहा कि आदेश जारी करने के लिए बार-बार आपको न्यायपालिका की आवश्यकता क्यों है?आप न्यायपालिका को आदेश देने पर बाध्य कर देते हैं। कोर्ट ने कहा कि सेना कोर्ट के आदेशों को आमंत्रित करने के बजाय नीति व ढांचा तैयार कर महिला अभ्यर्थियों को समान रूप से मौका देने का नीतिगत कार्य करे। साथ ही पीठ ने महिला उम्मीदवार के खिलाफ “लगातार लैंगिक भेदभाव” पर भारतीय सेना को फटकार लगाई और कहा कि जब भारतीय नौसेना और वायुसेना इसका प्रावधान कर चुके हैं तो भारतीय सेना पीछे क्यों रह गयी?
बता दें कि UPSC द्वारा आयोजित की जाने वाली NDA की परीक्षा में Mathematics और General ability के 2 पेपर होते हैं। ढाई घंटे के पेपर मे 300 नंबर के गणित और 600 नंबर के general ability के सवाल होते हैं। इस लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद अभ्यर्थियों को SSB द्वारा आयोजित Inteligence and Personality test देना होता है।
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