( Ravidas jayanti के शुभ मौके पर कौन से बड़े नेता आएंगे वाराणसी के सीरगोवर्धनपुर ; किसको किसको भेजा गया निमंत्रण )
Aysha Khatoon Siddique
वाराणसी के सीरगोवर्धनपुर स्थित संत रविदास के जन्मस्थल पर उनकी जयंती को लेकेर तैयारियां ज़ोरो शोरों से जारी है। संत रविदास की जयंती 16 फरवरी को है। इस बार राजनीति के बड़े दिग्गज संत रविदास की जन्मस्थली पर मत्था टेकने आ सकते हैं। चुनाव आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख नेताओं को ही जयंती समारोह में अमान्तरण भेजा गया है। हालांकि मंदिर प्रबंधन का कहना है कि धार्मिक स्थल होने के कारण सभी पार्टियों के नेताओं का जन्मस्थली पर स्वागत है।

पीएम नरेंद्र मोदी, पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी सहित सभी प्रमुख दलों को निमंत्रण भेजा जा चुका है। संत रविदास मंदिर प्रबंधन के महासचिव सतपाल विर्दी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी, सीएम योगी ,चरणजीत सिंह चन्नी, अरविंद केजरीवाल, प्रियंका गांधी, हरसिमरत कौर, शमशेर सिंह दुल्लो सहित कई राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को मंदिर प्रबंधन की तरफ से निमंत्रण दिया गया है।
कौन है संत रविदास
हिंदू पंचांग के अनुसार संत रविदास जी का जन्म 1377 ईस्वी में माघ माह की पूर्णिमा के दिन हुआ था। इस बार रविदास जयंती 16 फरवरी 2022, बुधवार को है। पूर्णिमा तिथि 15 फरवरी को रात 09 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 16 फरवरी 2022 को रात 01 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो रही है। संत गुरु रविदास जी 15वीं सदी के महान समाज सुधारक, दार्शनिक कवि और भगवान के अनुयायी थे। उन्होंने भेदभाव से ऊपर उठकर समाज के कल्याण की सीख दी। रविदास जी के रचनाओं में भगवान के प्रति प्रेम की झलक साफ दिखाई देती है। वह अपनी रचनाओं के माध्यम से दूसरों को भी परमेश्वर से प्रेम के बारे में बताते थे और उनसे जुड़ने की सलाह देते थे। रविदास जी अक्सर समाज की कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाते थे। उन्होंने मध्यकाल में ब्राह्मणवाद को चुनौती दी थी। वह कहते थे कि कोई व्यक्ति जन्म के आधार पर श्रेष्ठ नहीं होता बल्कि वह अपने कर्मों से पूज्यनीय बनता है।
कौन कौन आ रहा

सतपाल विर्दी ने बताया कि प्रधानमंत्री की 16 फरवरी को पंजाब में रैली होने के कारण आने की उम्मीद कम है लेकिन भाजपा के बड़े नेता मत्था टेकने आ सकते हैं। सतपाल विर्दी ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने आने का वादा किया है इसलिए उनके आने की उम्मीद ज्यादा है। उन्होंने बताया कि धार्मिक स्थल होने के कारण यहां किसी भी पार्टी के नेताओं को आने में कोई परहेज नहीं करना चाहिए और सबका यहां स्वागत है। वैसे तो प्रमुख नेता खुद आने की इच्छा जताते हैं लेकिन चुनाव के कारण सुरक्षा को देखते हुए प्रोटोकॉल के पालन में दिक्कत होती है। यूपी और पंजाब के सीएम के आने की उम्मीद ज्यादा होने के कारण तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं।
PM और CM भी आ चुके है

संत रविदास मंदिर में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 और 2019 में मत्था टेकने के साथ ही लंगर भी छका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन बार यहां मत्था टेका है। देश के दो पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह और डॉ. के आर नारायणन, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, थावर चंद गहलोत, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल, भाजपा के केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, हरसिमरत कौर, शमशान सिंह दुल्लो, भीम आर्मी चीफ चद्रशेखर आजाद, भाजपा के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य भी आ चुके हैं।
इस साल भी विदेशी श्रद्धालू नही आ पाएंगे
कोरोना संक्रमण के कारण दूसरे साल भी विदेशों से श्रद्धालु गुुरु के स्थान नहीं आ सकेंगे। सीर गोवर्धन को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। मंदिर से लेकर मेला क्षेत्र में सजावट की जा रही है। प्रकाश व्यवस्था से लेकर सफाई के इंतजाम को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन की टीम के साथ सेवादार भी जुटे हुए हैं। मेला क्षेत्र में पंजाब, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, जम्मू, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के अलग-अलग 55 से अधिक पंडाल तैयार हैं। पंडालों में हजारों की तादाद में अनुयायियों के शामिल होने की उम्मीद है। संत रविदास की जयंती की पूर्व संध्या पर संत निरंजन दास महाराज नगवां स्थित रविदास पार्क में दीपदान करेंगे। भजन मंडलियां गुरु रविदास के भजनों का गान करेंगी।