क़िस्मत, सूफ़ना, गुडियान पटोले और कई अन्य फ़िल्मों से सफल होने वाली प्रमुख पंजाबी अभिनेत्री तानिया को इस पेशे में प्रवेश करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। इसके लिए एक्ट्रेस को अपने माता-पिता को काफी मनाना पड़ा।
देवेश तिवारी
तानिया जो आज फिल्मों में सफलता की सीढ़ी चढ़ रही है, उसे अपने माता-पिता से इस क्षेत्र में शामिल होने की अनुमति देने की गुहार लगानी पड़ी।
इतना ही नहीं वे चाहते थे कि तानिया डॉक्टर बने। हां, आपने उसे सही पढ़ा है।
तानिया के माता-पिता ने आंशिक रूप से उसका समर्थन किया लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि अगर वह कॉलेज में अच्छे अंक प्राप्त करेगी तो ही वह कोई भी पेशा चुन सकती है।
तानिया उसी पर खरी उतरीं और आखिरकार सफल महिला प्रधान अभिनेत्रियों की लीग में शामिल हो गईं।
बचपन से ही वह एक अभिनेत्री बनना चाहती थी, वह अपने माता-पिता को नहीं बता सकती थी।
और फिर उन्हें यह बताने में उसे कई साल लग गए, क्योंकि वह हमेशा से जानती थी कि उसके माता-पिता इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
उसने अपने माता-पिता की खातिर प्लस टू (कक्षा 12) में भी दवाओं की पढ़ाई की।
हालांकि वह एक विद्वान थी; ग्रेजुएशन में उन्होंने 98 प्रतिशत प्राप्त किया। और फिर उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन किया और यूनिवर्सिटी में टॉप किया। लेकिन उस समय उसके माता-पिता सभी चाहते थे कि वह डॉक्टर बने।
इसलिए जब उन्होंने कॉलेज ज्वाइन किया, तो उन्होंने चार साल तक थिएटर में भाग लिया। और उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने में 6 साल लगे और फिर आखिरकार उन्हें फिल्मों में आने के लिए अपने माता-पिता की अनुमति मिल गई।
और अब हमें कहना होगा कि प्रशंसक और पंजाबी फिल्म उद्योग निश्चित रूप से इस तरह के एक अद्भुत और प्रतिभाशाली स्टार को पाकर धन्य है।
तानिया अपने माता-पिता की आभारी हैं क्योंकि उन्होंने अपनी बेटी की शिक्षा और करियर के लिए बहुत चिंता दिखाई।