उत्तर प्रदेश के 24 जिले हुए जलमग्न। CM योगी आदित्यनाथ हवाई सर्वे के द्वारा लेंगे बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा ।
शिवम कुमार
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में 8 अगस्त से ही गंगा यमुना और उनकी सहायक नदियां भी अपने उफान पर है। नदियों में बाढ़ के बढ़ते पानी की वजह से उत्तर प्रदेश के अब तक 24 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके है। जिलों में बढ़ते बाढ़ की पानी की वजह से लोगों को अपने घरवार, अपने मवेशी तथा अपने कारोबार छोड़कर कहीं ओर आसरा लेना पर रहा है। परिस्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्टी CM भी बाढ़ ग्रस्त जिलों का जायजा लेने निकल चुके हैं। अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाजीपुर क्षेत्र में का जायजा ले रहे हैं। इसके बाद वे बलिया के लिए भी प्रस्थान करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों फंसे लोगों को जल्द से जल्द उनकी जरुरतें की वस्तुएं उन्हें उपलब्ध करवाई जाए।
बुलंदशहर, मिर्जापुर, प्रयागराज और गंगा नदी के सटे शहर बाढ़ से ज्यादा प्रभावित है। लोगों को एनडीआरएफ की टीमों के द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा है। बताया जा रहा है, कि लोगों के पास खाघ सामग्री पहुंचाने में बहुत मुश्किलें आ रही है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के लोगों के द्वारा मिली जानकारी के बाद बताया जा रहा है। कि ऐसी बाढ़ उनको 12 साल या 25 साल के बाद ही उत्तर प्रदेश में देखने को मिली है। इस बाढ़ की कहर से अब तक 100 से ज्यादा गांवों के लोगों को पलायन करना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि अलग-अलग जिलों में कई सालों के बाद ऐसी बाढ उन्हें देखने को मिल रही है।
जालौन ने 39 साल के बाद बाढ़ ने अपना रिकॉर्ड थोड़ा। औरैया मने 25 साल के बाद बाढ़ ने अपना रिकॉर्ड तोड़। हमीरपुर ने 3 साल के बाद बाढ़ ने अपना रिकॉर्ड थोड़ा। चित्रकूट ने 18 साल के बाद बाढ़ ने अपना रिकॉर्ड थोड़ा। वहीं बांदा ने 5 साल के बाद बाढ़ ने अपना रिकॉर्ड थोड़ा।
विभिन्न-विभिन्न क्षेत्रों के रिकॉर्ड भले ही असमान हो,परंतु स्थानीय लोगों की समस्या समान है। लोगों ने उत्तर प्रदेश सरकार से गुहार लगाई। कि स्थिति को देखते हुए उनको आपदा से जुड़े सारी वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाए। वरना अगली साल वोट के नाम पर उन्हें सिर्फ अंगूठा ही मिलेगा। ऐसा लोगों का कहना है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों की समस्या बहुत ही कष्टदायक है। लोगों की प्रार्थना है कि सरकार इस मुद्दे पर बहुत गहराई से नजर डाले और इस पर चर्चा करें। ऐसी ही खबर पढ़ने और सुनने के लिए बने रहिए http://thebawabilat.in के साथ